भारत ने कहा अलविदा MiG-21 को: एक युग का अंत और भावनाओं की उड़ान

 


भारत ने कहा अलविदा MiG-21 को: एक युग का अंत और भावनाओं की उड़ान


            भारतीय वायुसेना के इतिहास में 17 सितंबर 2025 का दिन हमेशा याद रखा जाएगा। इस दिन भारत ने अपने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले लड़ाकू विमान MiG-21 को औपचारिक रूप से विदाई दी। यह सिर्फ एक मशीन की विदाई नहीं थी, बल्कि एक पूरे युग की समाप्ति और उन अनगिनत पायलटों की मेहनत, साहस और बलिदान की याद दिलाने वाला पल था।


            MiG-21 ने भारतीय आकाश में लगभग 60 सालों तक अपनी उड़ान भरी। इसे "फाइटर जेट का पुराना सैनिक" भी कहा जाता था। इसके बिना भारतीय वायुसेना की ताकत की कल्पना मुश्किल थी। यह विमान न केवल युद्धों में देश की सुरक्षा का हिस्सा रहा, बल्कि अनेक पायलटों की शौर्य गाथाओं का साक्षी भी रहा।


            विदाई समारोह के दौरान कई पूर्व और वर्तमान पायलटों की आंखें नम थीं। किसी ने अपने पहले उड़ान की यादें साझा कीं, तो किसी ने उस समय की कठिन परिस्थितियों और प्रशिक्षण की कहानियाँ सुनाईं। MiG-21 केवल धातु और इंजनों का संयोजन नहीं था; यह पायलटों और टेक्नीशियनों के बीच गहरी भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन चुका था।


            हालांकि तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है और अब भारतीय वायुसेना राफेल और तेजस जैसे आधुनिक विमानों पर भरोसा कर रही है, फिर भी MiG-21 का स्थान दिलों में हमेशा रहेगा। यह विमान उन कठिनाइयों, चुनौतियों और साहसिक कार्यों का स्मारक है, जिन्होंने भारतीय वायुसेना को मजबूती और आत्मविश्वास दिया।


            MiG-21 से विदाई केवल एक विमान की सेवा से रिटायरमेंट नहीं है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाती है कि देश की सेवा में चाहे साधन पुराने हों, लेकिन उनकी यादें और योगदान हमेशा अमर रहते हैं। जैसे-जैसे ये विमान अपने अंतिम उड़ान भरते हैं, वे हमारे इतिहास और गौरव की कहानी को आगे बढ़ाते हैं।


            इस अलविदा के साथ, हम सभी उन अनगिनत पायलटों, टेक्नीशियनों और कर्मियों को नमन करते हैं, जिन्होंने इस विमान के हर उड़ान को सुरक्षित और सफल बनाने में अपना जीवन समर्पित किया। MiG-21 हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा – एक वीर योद्धा, एक मित्र और भारतीय आकाश का गर्व।

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